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Poetry: #No Worries

!! स्वयं भव, न दर्शयतु !!
जो हो वो ही रहो दिखावा मत करो |

” मनपसंद इन्सान “
“मनपसंद इंसान” साथ हो तो उसकी खामोशियां भी सुनाई देती हैं !!

Believe -Create-Love | Grow-Glow-Manifest & Heal
Poetry: #No_worries

इस जगत में हर चीज़ कीमती होती है बस मिलने से पहले और खोने के बाद… तो कदर कर लिया करो यारो…

माता-पिता की सम्पत्ति तुम्हारी ताकत नहीं है बल्कि तुम्हारी असली ताकत तुम्हारे संस्कार ही है I जीवन के लिए तुम्हारा दृष्टिकोण ही तुम में उर्जा, साहस और विश्वास का संचार करेगा I जो व्यक्ति अपने हिस्से में आये काम को हीन दृष्टि से देखता है, वो व्यक्ति अपार दौलत होने पर भी दुखी रहता है I याद रखों ! जो लोग या चीज़ें हमारी सुख और सुविधाओं का कारण होते हैं वो छोटे नहीं होते वो बड़े होते हैं उनका सम्मान करना सीखो I

ध्यान रखना ! जो व्यक्ति अपने हिस्से में आये काम का और उसके लिए काम करने वालों का आदर नहीं करता, तो याद रखना काम और काम करने वाले भी उसका आदर नहीं करते I

पापा कहते थे सब अपने ही हैं लेकिन यह बताना भूल गए मैं हूं तब तक…

कोई किसी का नहीं होता जनाब!
|||
सब अपने अपने मूड के हिसाब से बात करते हैं !!

मुझे वहां से पढ़िए जहाँ से मैं खामोश हूँ,
ये हंसना और हँसाना तो मेरा हुनर है II

हर रोज़ लगता है कि बहुत हुआ, अब नहीं हो पायेगा, अब नहीं होगा और, लेकिन जैसे तैसे हर बुरे समय से ठीक हो जाती हूँ मैं, एक वक्त को तो ऐसा महसूस होता है कि अब खत्म हो गया है सब और अगले ही वक्त, मैं निकल आती हूँ अपनी उदासी से, और यही बात खुद की पसंद हैं मुझे I
खुश हूँ, उदास हूँ, बुरी हूँ, अच्छी हूँ, अकेली हूँ, उबाऊँ हूँ, चुप हूँ, गैर दिलचस्प हूँ, अजीब हूँ… अपने लिए हूँ और मुझसे मतलब ही क्यूँ है?
फिर कुछ भी कहो की “ऐसी ही है या आदत है उसको”… क्या करूं मैं चाहते हुए भी नहीं बदल पाऊँगी I
मैं लड़की ही अलग हिसाब की हूँ, मन की करती हूँ, बिखरी सी रहती हूँ, खुद में भी खुश हो लेती हूँ, मतलब तो खैर रहा नहीं किसी से लेकिन अपनों का सोचती बहुत हूँ, दुनिया कभी समझ आती नहीं, ज्यादा चीज़ें भाती नहीं और शायद ज्यादा ख़ास सबके लिए मुझे होना भी नहीं_ “निशा कौशिक”

शायद ये मेरी आखिर नाराज़गी होगी,
तुम्हें बार बार समझाने के बजाय
मैंने खुद को समझा लिया है इस बार !

मन से उतर रहे हैं आहिस्ता-आहिस्ता अब
दिल में रहने वाले लोग….

चाहो तो तुम भी हाल पूछ सकते हो हमारा !
कुछ हक दिए नहीं जाते लिए जाते हैं !!

रिश्तों में ….
समझदार बनो, वफादार बनो, असरदार बनो, पर
दुकानदार मत बनो!

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हमारी अधूरी मोहब्बत का ज़िक्र तुम किसी से ना करना !
खुद सबसे कह देंगे कि फुरसत ही नहीं है !!

” कुछ दिन “
{ खामोश }
रह कर देखो
लोग आपको भूल ही जाएँगे !!

{ जीवन क्या है }
बस
चलता फिरता एक खिलौना है !!

जीवन में जीवन
ढूंढते-ढूंढते
जीवन बीत गया !!

बे-वजह बिछुड़ तो गए हो तुम !
बस इतना बता दो स्कून मिला या नहीं !!

अब याद नहीं
तुम्हे कभी याद करके
याद किया हो !!

हज़ारों बातें अब खुद से कर लेते हैं !
सबसे खुलकर बोलना छोड़ दिया हमने !!

दर्द की शिद्दत ना पूछा करो ज़ख्म देकर तुम !
दर्द तो दर्द ही होता है ज़्यादा क्या और थोड़ा क्या !!

दूसरा मौका सिर्फ कहानियां देती हैं !
ज़िन्दगी नहीं !!

गन्ने मे जहां गांठ होती है वहां रस नहीं होता है लेकिन गन्ने का जीवन गांठ से ही चलता है। रस के चक्कर में तो गन्ना सिर्फ़ निचोड़ा और नष्ट किया जाता है। जीवन में रस और गांठे दोनों ही परमात्मा देता है।

कीमत चाहे कितनी भी हो
सब्जेक्ट यदि बिक जाए तो
दो कौड़ी का नहीं रहता।

जीवन के किसी भी दौर मे आपने यदि फिजिकल वर्क किया है तो कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है।
यूं बोझ को बैलेंस करके उसके वजन को जीरो मान लेने की कला सच में असाधारण होती है।
जिसकी साधना करनी पड़ती है और अभ्यास से जीवित रखना होता है।

सादगी है… सजावट नहीं है
मेरे किरदार में कोई मिलावट नहीं है

इसीलिए ज़रा फ़ासले पर
रहते हैं ज़माने से क्योंकि
लहज़े में बेबाक़ी है… बनावट नहीं है

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