संयुक्त किसान मोर्चा Samyukta Kisan Morcha
संयुक्त किसान मोर्चा ने 20 मार्च को दिल्ली में संसद के सामने एक महापंचायत आयोजित करने का फैसला किया है | इस महापंचायत में किसान लम्बे समय से लंबित अपनी मांगो को दोहराएंगे जिसमें सभी फसलों के MSP (Minimum Supporting Price) और कृषि ऋण माफी (Farm loan Waiver) के लिए कानूनी गारंटी शामिल है | इसके अतिरिक्त कथित किसान विरोधी बजट के खिलाफ विरोध भी दर्ज करेंगे |
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कुरुक्षेत्र में जाट धर्मशाला में बैठक कर भविष्य की रणनीति तय की।
अन्य मांगों में किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए पेंशन, क्षतिग्रस्त फसलों के बीमा के लिए किसान समर्थक नीति और बिजली संशोधन विधेयक 2022 (Electricity Amendment Bill 2022) को वापस लेना शामिल है।
Read also: हरियाणा के ग्रुप डी (Group D) कर्मचारियों के लिए फिर से ट्रान्सफर ड्राइव की तैयारी
किसानों और ग्रामीण विकास से संबंधित सभी आवंटन में भारी कटौती के कारण किसान नेताओं ने केंद्रीय बजट (Union Budget) को किसान विरोधी और कृषि विरोधी करार दिया। किसानों का कहना है कि आन्दोलन ख़त्म हुए एक साल से ज्यादा हो गया लेकिन अभी तक हमारी मांगे पूरी नहीं की गई |
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) नेता युद्धवीर सिंह ने कहा है कि देश भर के किसान 20 मार्च को दिल्ली पहुंचेंगे और कृषि आंदोलन को फिर से शुरू करेंगे क्योंकि सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। हम वहां इकट्ठा होंगे और आगे की कार्रवाई तय करेंगे। ऐसे कई राज्य हैं जहां किसानों के खिलाफ दर्ज मामले अभी तक वापस नहीं लिए गए हैं और कृषि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाना बाकी है।
युधवीर सिंह ने कहा कि अगले साल चुनाव होने वाले हैं और यह खुला रहस्य है कि चुनाव के नजदीक सरकार दबाव में आती है और मांगों को स्वीकार करती है, सरकार और हम भी इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ हैं. अगर सरकार ने अपना अड़ियल रवैया जारी रखा तो किसान फिर से कृषि आंदोलन शुरू करने को मजबूर होंगे। हम सभी किसान संघों से आगे आने और दिल्ली पहुंचने की अपील करेंगे।
किसान नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के नौ-सूत्रीय दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के संचालन के लिए 31 सदस्यीय राष्ट्रीय समन्वय समिति ( National Coordination Committee) की स्थापना का प्रावधान और मंच के साथ विभिन्न घटकों की संबद्धता के लिए नियम और रेगुलेशन शामिल हैं। छाता संगठन को मजबूत और विस्तारित करने के लिए रचना।
“Kisan Mahapanchayat” में रखी जायेंगी ये मुख्य मांगें
- सभी फसलों का MSP सीटू + 50% फार्मूले से तय हो |
- MSP पर फसल खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाये |
- लखीमपुर हत्याकांड के लिए जिम्मेवार अजय मिश्र को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से हटा दिया जाये |
- फसल ख़राब होने पर शीघ्र मुआवजे के लिए प्रभावी फसल बीमा योजना लाएं |
- किसान आन्दोलन के दौरान किसानो के खिलाफ दर्ज सभी केस वापिस लिए जाएँ |
- किसान आन्दोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएँ|
- बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापिस लिया जाए |
Courtesy: Bhaskar News